स्वतःच्या

येथील सर्व कविता माझ्या स्वताच्या असून माझ्या परवानगी शिवाय कुठेही प्रकाशित करता येणार नाही

Sunday, 23 October 2011

दोस्त बोहत कमीने होते है

क्या काहे हर बार यही कहते है
दोस्त बोहत कमीने होते है
कभी यु ही हसाते है
कभी बिना वजह रुला देते है
दोस्त.....................कमीने
होते है
 
जब हम गर्लफ्रेण्ड से बाते करते है
वे पीछे से कॉमेन्ट्स किया करते है
सिगारेट तो वे पिया करते है
पर पैसे से हमे देणे पडते है
दोस्त.....................कमीने होते है

कभी कोई भी बात हो
पार्टी मागा करते है
और मना करे तो
साले मस्का मार मार के
लुटा करते है
दोस्त.....................कमीने होते है

सुख मे सब साथ होते है
हर खुशी मिलके सेलिब्रेट करते है
दुख मे साले बिना बुलाये हि
आ जाते है
हमारे दुख मे दो असू वो भी बहा देते है
इसी कारण साले सदा याद आहे है
दोस्त.....................कमीने 
होते है

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