बरसात सी आई थी तू
बस भिगोकर चली गई
सुरज कि गर्मी मे
बस याद बनके रह गई
धोका तो तुझे देना हि था
बस प्यार का नाटक कर गई
इस आशिक का सपना
पैरो तले कुचल कर चली गई
कितनी बडी बडी बाते कहती थी
पर वक्त पर मुकर गई
जाते जाते हसकर
साली................
दिल जला गई
ठीक है जाती है तो जा
मगर लोटके न आणा
वही घूटघूट कर
पी कर जहेर मर जाना
बस भिगोकर चली गई
सुरज कि गर्मी मे
बस याद बनके रह गई
धोका तो तुझे देना हि था
बस प्यार का नाटक कर गई
इस आशिक का सपना
पैरो तले कुचल कर चली गई
कितनी बडी बडी बाते कहती थी
पर वक्त पर मुकर गई
जाते जाते हसकर
साली................
दिल जला गई
ठीक है जाती है तो जा
मगर लोटके न आणा
वही घूटघूट कर
पी कर जहेर मर जाना
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